सावन के दूसरी सोमवार को बाबा मधेश्वरनाथ पर जलाभिषेक करने के लिए शिवभक्तों को लगा रहा ताता
कलेर से अरविंद कुमार की रिपोर्ट
कलेर सावन की दूसरी सोमवारी को लेकर ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व से जुड़े बाबा मधेश्वर नाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही भक्तों का जमावड़ा लगा रहा। हर हर महादेव की गूंज से मंदिर परिसर गुंजायमान होता रहा । स्थानीय लोगों के साथ साथ प्रदेश के अन्य भागों से आए शिवभक्तों ने भी जलाभिषेक किया। महिला पुरुष ने भारी संख्या में भाग लिया। मनोकामनाओं व मोक्ष की प्राप्ति में डूबकी लगाई। मालूम हो कि मधुश्रवां में अवस्थित बाबा मधेश्वर नाथ के दर्शनार्थ पूजा अर्चना व जलाभिषेक के लिए राज्य के कोने-कोने से शिव भक्त श्रावण महीने में आते हैं। सोमवारी को जलाभिषेक करने के लिए काफी संख्या में भक्तों का जमावड़ा लगा। शिव भक्तों के जयघोष व हर हर महादेव की गूंज से पूरे दिन मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। शिवभक्तों ने स्थानीय सरोवर में स्नान कर भगवान भोले बाबा को जलाभिषेक कर बेलपत्र, पुष्प,अक्षत,चंदन के साथ भांग धतूरा चढ़ाकर मंगल कामना के लिए प्रार्थना किया। सैकड़ों शिवभक्त श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार को जलाभिषेक करते हैं। भक्तों के अनुसार बाबा मधेश्वर नाथ पर श्रावण माह में जलाभिषेक व पूजा अर्चना करने वालों की मनोकामना पूरी होती है। बिहार में दो स्थानों पर लगने वाले मलमास मेले में एक मधुश्रवां भी है। जिसमें प्रदेश के साथ अन्य प्रदेश से लोग आकर बाबा मधेश्वरनाथ की पूजा अर्चना करते हैं। इस ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल का जितना विकास होना चाहिए वर्तमान समय तक नहीं हो पाया है। मधुश्रवां को पर्यटन स्थल घोषित करने का वादा राज्य सरकार के कई मंत्री ने किया लेकिन पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं मिल पाया है। हाल के वर्षो में दूर दराज से आने जाने वाले यात्रियों के लिए इक्का दुक्का भवन का निर्माण कराया गया है। ऐतिहासिक तालाब के घाटों का निर्माण भी कराया गया है लेकिन, पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशान देखा गया। परिसर की गंदगी प्राचीन मधुश्रवा शिव मंदिर परिसर में जगह-जगह लगी गंदगी यहां की व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही थी। भक्त सुनिल कुमार ने बताया कि मंदिर प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते तालाब में गंदगी पसरी है। इस ओर प्रशासन का भी ध्यान नहीं जा रहा है। । जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर स्वच्छता अभियान को पूरे दिन मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं। कुछ श्रद्धालुओं ने तो यह भी कहा कि सावन मास में हमें भी मंदिर की साफ-सफाई पर ध्यान देना होगा।
