रजवाहों में पानी, अरवल को सुखा क्षेत्र घोषित करने, किसानों को मुफ्त बिजली देने एवं पेयजल पूर्ति के सवाल पर कलेर में सड़क जाम में उमड़ा भिंड
सभी रजवाहों में अंतिम छोर तक पानी की गारंटी के लिए पदाधिकारी को सक्रिय रहना होगा –महानंद
फल्गु नदी में सरकार मोक्ष के लिए लिफ्ट योजना से सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च कर रही है लेकिन किसानों के लिए कदवन जलाशय निर्माण के लिए रुपए नहीं, यह अन्याय
अखिल भारतीय किसान महासभा शिवम भाकपा माले के आह्वान पर आज कलेर में आहूत चक्का जाम के तहत सैकड़ों किसान मजदूर कार्यक्रम में शामिल हुए. करीब 2 घंटे तक चक्का जाम किया गया. जब नहर विभाग के कार्यपालक अभियंता, एसडीओ( नहर विभाग) बीडियो एवं थाना प्रभारी के साथ वार्ता करने के बाद ही जाम हटाया गया.
विदित हो राजवाहों में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने, पेयजल संकट दूर करने, नल जल योजना चालू करने, अरवल जिला को सूखा क्षेत्र घोषित करने, किसानों को मुफ्त में बिजली दिए जाने तथा सभी किसानों के कर्ज माफ किए जाने, बिजली बिल माफ किए जाने की मांग को लेकर आज कलेर में सड़क जाम किया गया था.
इस सड़क जाम में भाकपा माले राज्य स्थाई समिति के सदस्य एवं अरवल विधायक महानंद सिंह, भाकपा माले जिला सचिव जितेंद्र यादव, प्रखंड सचिव उमेश पासवान, सुरेंद्र प्रसाद, किसान नेता सूर्यनाथ बर्मा, त्यागी जी, उमेश कुमार, अमित एवं भारी संख्या में किसान- मजदूर शामिल हुए.
महती सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले विधायक ने कहा कि जब से भाजपा गठबंधन की सरकार बनी है 1 मीटर भी नया नाहर नहीं बनाया गया है. बल्कि सारे पुराने नहर जीर्ण शीर्ण पड़े हुए हैं. सैकडों किलोमीटर नहर तहस-नहस हो गया है. बर्बाद हो गया है. लेकिन सरकार पर ध्यान नहीं दे रही है.
उन्होंने कहा कि यदि कदवन जलाशय का निर्माण हो जाता तो किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने में आज पदाधिकारियों एवं नहर विभाग के लोगों को इतना झेलना नहीं पड़ता. कदवन जलाशय का निर्माण न होना किसानों के साथ सरकार की गद्दारी है और धोखा देना है.
उन्होंने कहा की सरकार पटना से डेढ़ सौ मीटर ऊंचाई पर बसा गया के फल्गु नदी में लिफ्ट योजना के तहत मोक्ष के लिए गंगा नदी से पानी सप्लाई के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति दे रही है. इसके अलावा पटना में दो म्यूजियम को जोड़ने के लिए सुरंग खुदवाने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च कर रही है. लेकिन किसानों के खेतों तक पानी पहुंचे इसके लिए सरकार के पास पैसे नहीं है.
उन्होंने कहा कि यदि कदवन जलाशय का निर्माण हो जाए तो किसानों को सालों भर खेतों में पानी की कमी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर विधानसभा में जोरदार तरीके से सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया था. सवाल उठाया गया था. सरकार ने इस पर लंबी चौड़ी बातें भी कही थी. लेकिन जमीन पर इसे लागू नहीं किया जाना किसानों के साथ घोर अन्याय है.
उन्होंने कहा की अमरा, अइयारा, सैदपुर इमामगंज माली समेत कई राजवाहों में निचली छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता है. तीन-चार किलोमीटर के दायरे तक ही पानी रहता है. जिसका नतीजा होता है किसानों को खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. इसलिए उन्होंने पदाधिकारियों को इस पर पहलकदमी लिए जाने पर जोर दिया.
उन्होंने आगे कहा की पेयजल का संकट काफी गहरा हो गया है. इसलिए इसे व्यवस्थित करना होगा.
उन्होंने कहा अरवल के इतिहास में 1872 के बाद यह पहली वाकिया है जब नहर के किनारे वाले खेतों में सावन के आधा माह गुजर जाने के बावजूद भी धान की रोपनी नहीं हुई है. यह सरकार की गलत पॉलिसी का ही देन है.
उन्होंने अरवल को सूखा क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग पर आयोजित कार्यक्रम में भाकपा माले के जिला सचिव जितेंद्र यादव ने कहा कि महंगाई से परेशानी और गरीबों के लोक कल्याणकारी योजनाओं के नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है. इसलिए 1 अगस्त 2022 को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता त्यागी जी ने की.


