विधवा महिला की हत्या में दो दिन बाद दर्ज हुई प्राथमिकी।
चेनारी:- दिनेश तिवारी की रिपोर्ट।
चेनारी (रोहतास) जिला के चेनारी प्रखंड अन्तर्गत पेवन्दी पंचायत के तेतरी गांव में दिनांक 12.02.2023 दिन रविवार को दोपहर में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एवं दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम जमीन लोभी एवं बाहुबलियों द्वारा एक आबला विधवा महिला को चाकू से गोद गोद कर और पिट पिट कर गांव के लोगों के सामने दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया जाता है। उस महिला का इतना ही कसूर था कि वह अपने हक और अधिकार की लड़ाई संपत्ति के वाटवारा के लिए सन 2008 से ही विगत चौदह साल से परिवार वालों के विरुद्ध माननीय न्यायालय में इंसाफ के लिए लड़ रही थी। पति रामनगीना तिवारी के कोलकाता में 2006 में देहांत होने के बाद जब तेतरी गांव से उसके ससुराल पक्ष से कोई व्यक्ति उसके पति के शव को मुखाग्नि एवं श्राद्ध कर्म करने कोई कलकत्ता नही पहुंचा तो मजबूरी में उस महिला लक्षमीना कुंवर को ही अपने पति रामनगीना तिवारी को मुखाग्नि देना पड़ा और दाह-संस्कार करना पड़ा। दो बेटी की मां लक्ष्मीना कुंवर ने उसी समय यह ठान लिया था कि मै नारी की मान सम्मान और हक एवं अधिकार पाने के लिए परिवार से संविधानिक लडाई लडूगीं । सन 2008 में सुसराल आकर अपनी पति के हिस्सा पर परिवार वालो के साथ मान सम्मान के साथ रहने आयी तो उसके सौतेले बेटा और देवर व देवर के लड़के द्वारा आपमानित पडताडीत कर तुम्हारा कोई हिस्स नही है कह कर देवर सौतेला बेटा और गोतनी द्वारा भागा दिया जाता है लेकिन लक्षमीना कुंवर भी एक साहसिक महिला थी और एजुकेटेड थी। वह भारतीय संविधान में पत्नी को मिला अधिकार को बेखूबी जानती थी। वे अपनी हक और अधिकार की लडाई लड़ना जानती थी। उन्होने महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओ के मान सम्मान के लिए उनके पति द्वारा जिन्दगी भर कामकर उनके नाम से चेनारी मे लिया मकान को बेच कर उससे जो पैसा मिला उसी से संपति का बंटवारा करने और न्यायालय से न्याय पाने के लिए सिविल कोर्ट सासाराम का रूख किया। और वकील से मसौदा तैयार कर नंबरी बंटवारा का केस दायर किया। ससुराल वालो से चौदह साल तक न्यायालय में लंबी लड़ाई लडने के बाद माननीय पटना उच्च न्यायालय से डिग्री महिला के पक्ष में मिल ही गया। लम्बा संघर्ष के बाद सिविल कोर्ट के आदेश से वकील, कमिश्नर, अमीन एवं कार चालक के साथ अन्य दो लोग को लेकर दिनांक 12.02.2023 दिन रविवार को अपने ससुराल तेतरी गांव पहुंच थी लेकिन उन्हे क्या पता था कि उनकी हत्या परिजनों द्वारा कर दिया जाएगा। लेकिन रविवार के दोपहर में आधा दर्जन से ज्यादा परिवार वालों के द्वारा सुनियोजित साजिश के तहत चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर लक्ष्मीना कुंवर को मौत के घाट उतार दिया गया। एक मृत विधवा महिला का शव क्षत विक्षत अवस्था में पुस्तैनी घर के सामने गली में अर्घ नग्न अवस्था में पड़ा रहा। लेकिन गांव का कोई भी व्यक्ति द्वारा मानवता व नारी के मान सम्मान के भाव से एक कपड़ा भी शव पर डालना मुनासिब नही समझा गया।उस महिला को क्या पता था कि जमीन के भूख में परिजनों द्वारा चाकू से गोद गोद और पिटकर सुनियोजित साजिश के तहत मौत के घाट उतार दिया जायेगें। सुचना प्राप्त होते ही घटनास्थल पर पहुंची चेनारी थाना की पुलिस द्वारा सबसे पहले नारी के मान सम्मान एवं मानवता देखाते हुए शव को कपड़ा से ढाका गया। उसके बाद जांच पड़ताल शुरू किया गया। मृत महिला उस गांव की बहु थी। और नगरपंचायत चेनारी के वार्ड नंबर 8 के भरन्दुआ गांव की बहादुर बेटी थी। समाज में तो गांव के सम्मानित लोग नारी के मान सम्मान देने का दिखवा करते है असल में नारी का मान सम्मान लोगों से ज्यादा पुलिस वाले करते है इस उदाहरण को चेनारी थाना के थानाध्यक्ष निर्मल कुमार और एसआई पंकज कुमार ने चरितार्थ कर दिया। जब भी चेनारी क्षेत्र में महिला के मान सम्मान देने की चर्चा होगी। इन दोनो पुलिस अधिकारीयों का नाम सम्मान पूर्वक लिया जाएगा। अगर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का कोई मिसाल है तो स्व लक्ष्मीना कुंवर क्योकि उन्होने दो बेटी को जन्म दिया। बड़ी बेटी दिल्ली में तो छोटी बेटी कोलकाता में रहकर शादि शुदा जिन्दगी व्यतित करते हुए महिला सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय प्रयास कर रही है। घटना के बारे में आपको बताते चले कि रविवार के दिन दोपहर में एक विथवा महिला के हत्या के मामले में मृतका के बड़ी बेटी कुमोद पाठक ने मंगलवार के दिन करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोग पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस द्वारा आरोपियों का नाम गुप्त रखा जा है। घटना मे संलिप्त आरोपियों के संभावित ठिकानों पर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी हेतु लगातार दबिश व छापेमारी किया जा रहा है। चेनारी थानाध्यक्ष निर्मल कुमार ने बतया कि घटना में शामिल आरोपी अगर पताल में भी छुपे होगें तभि भी पुलिस उन्हे ढुढकर माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर कठोर से कठोर सजा दिलवाने का प्रयास करेगी। किसी भी दोषी को बक्सा नही जाएगा।मृतक के दोनो बेटी कुमोद पाठक और मिनल पांडेय ने फफक फफक कर रोते हुए बतया कि यह कैसी बिडम्बना है कि सगा भाई न सहा लेकिन हमारे पापा के औलाद होने के कारण हमलोगों के भाई ही है। भाई के रहते हुए पापा का मुखाग्नि एवं श्राद्ध कर्म मां को करना पड़ा। और जो बहन भाई को राखी बांधती है और उसे अपना सुरक्षा कवच समझती है। उसी भाई द्वारा बहन के मां को हत्या कर छिन लिया जाता है। यानी भाई द्वारा मां की बेरहमी से हत्या कर दिया जाता है। और बेटी द्वारा मां को मुखाग्नि दिया जाता है और श्राद्ध कर्म को किया जाता है यह कैसा कलयुग आ गया है। हम दोनो बहनो का पुलिस एवं न्यायालय पर पूरा भरोसा है। जब माननीय न्यायालय द्वारा मेरी मां के हत्यारा को फांसी की सजा मूकरर होगी। उसी दिन मेरी स्वर्गीय मां लक्षमीना कुंवर के आत्मा को शांती मिलेगी।और वही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
