पटना मिला मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मरीज,
बीमार के घर पहुंची डॉक्टरों की टीम
अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग
रोहतास ब्यूरो प्रभारी की रिपोर्ट
सासाराम (रोहतास) बिहार में भी मंकीपॉक्स संक्रमण में दस्तक दे दिया है। पटना में इस संक्रमण से पीड़ित एक संदिग्ध महिला मरीज के पहचान हुई हैं। पीड़ित महिला मरीज पटना सिटी के गुरहट्टा इलाके की रहने वाली है। मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले के मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस से अब तक संदिग्ध मान रहा है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि महिला में मंकीपॉक्स के सभी लक्षण मिले हैं। वैसे पीएमसीएच की टीम सैंपल इकट्ठा करने के लिए गुरहट्टा स्थित महिला के आवास पर पहुंच चुकी है। पीएमसीएच टीम के डॉक्टरों का कहना है, कि स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले की जांच कर रही है । भारत में मंकीपॉक्स के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । इस को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग सभी राज्य सरकार से संपर्क कर वैसे मरीजों की पहचान करने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने देश के सभी राज्यों को अलर्ट रहने हो कहा है। केंद्र सरकार से मिले गाइडलाइन के मुताबिक सभी चिकित्सक , आशा और एएनएम को मंकीपॉक्स के लक्षण के बारे में ठीक से बताने का दिशानिर्देश जारी कर दिया गया है। केंद्र सरकार के द्वारा जारी दिशानिर्देश एनएम आशा को किसी भी मरीज में यह लक्षण मिले तो वह तुरंत इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें। मंकीपॉक्स के बारे में बताया जाता है कि यह एक वायरस है जो मवेशियों से मनुष्य में फैलता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है। यह वायरस त्वचा आंख, नाक, या मुंह के माध्यम से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन में मंकीपॉक्स वायरस को इमरजेंसी घोषित कर दिया है। मंकीपॉक्स 65 देश में अपना पैर पसार चुका है। 65 देश में मंकीपॉक्स के कुल 16000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। भारत में विदेश से आने वाले पर्यटक एवं नागरिकों पर स्वास्थ्य विभाग की कड़ी नजर है। डिश के सभी एयरपोर्ट अथॉरिटी को सतर्क लाने का निर्देश दिया गया है । नेपाल के रास्ते भारतीय सीमा में दाखिल होने वाले विदेशी नागरिकों पर सख्त निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। मंकीपॉक्स वायरस का लक्षण दिखने पर विदेशी नागरिकों का सैंपल एकत्र करने का भी निर्देश दिया गया है। भारत की सीमा से लगे सभी बॉर्डर पर मंकीपॉक्स के लक्षण वाले मरीज यदि मिलते हैं, तो वहां तैनात डॉक्टरों की टीम सैंपल इकट्ठा कर इलाज की समुचित व्यवस्था करेगा।
