बम्भई उच्च विद्यालय में धूमधाम से मनायी गयी तुलसी जयंती समारोह
करपी (अरवल) प्रखंड के रा०कृत+2 रामेश्वर उच्च विद्यालय बम्भई में शुक्रवार को संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी की जयन्ती समारोहपूर्वक मनाई गई।
समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के वरीयतम शिक्षक (प्रभार में रहे) डॉ० अम्बुज कुमार भूषण व संचालन शिक्षक नागेन्द्र कुमार ने किया।
कार्यक्रम के संरक्षक डॉ०ज्योति कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे डीएवी +2 स्कूल, औरंगाबाद के अवकाशप्राप्त प्रधानाचार्य श्री जगतमोहन कुमार एवं विद्यालय के शिक्षकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। तत्पश्चात उपस्थित सभी लोगों ने तुलसीदास जी के तैल चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। मुख्य अतिथि श्री कुमार ने अपने संबोधन में तुलसी रचित रामचरितमानस को मानव जीवन के लिए आचार संहिता बताया। उन्होंने कहा कि रामकथा में गोस्वामी जी ने न केवल आनेवाले सुखद समाज की कल्पना की बल्कि उन्होंने आदर्श जीवन जीने का मार्ग भी सुझाया है। अध्यक्ष डॉ०अम्बुज ने श्रीरामचरितमानस के प्रेरक प्रसंगों का जिक्र करते हुए कहा कि मानस के आदर्श पात्र से व्यक्ति को सीख लेनी चाहिए। शिक्षक डॉ०ज्योति कुमार, विपिन कुमार पोंडा, मनीष कुमार, नागेन्द्र कुमार, राजेश्वर प्रसाद, संतोष कुमार सिंह सहित सभी वक्ताओं ने अपने उद्गार में कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में पिता-पुत्र, मां-बेटा, भाई-बहन, राजा-प्रजा, पति-पत्नी,अग्रज-अनुज सभी रिश्तों के कर्तव्य व दायित्व का बड़ा ही सुन्दर वर्णन किया है।मानस की एक-एक पंक्ति महामंत्र है, जिसके अनुकरण मात्र से सामाजिक कुरीतियां मिट जायेगी। इस दौरान तुलसी कृत हनुमान चालीसा का समवेत स्वर में पाठ भी किया गया। इस अवसर पर संगीत शिक्षक उपेन्द्र कुमार के निर्देशन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं तरूण कुमार, अनुप कुमार,अमन,अक्षय, शिवानी, सिमरन, मुस्कान,नेहा आदि की विभिन्न प्रस्तुतियां भी सराहनीय रही। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं सहित उपस्थित सभी लोगों के बीच प्रसाद का भी वितरण किया गया। शिक्षक मनीष कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के वरीयतम शिक्षक (प्रभार में रहे) डॉ० अम्बुज कुमार भूषण व संचालन शिक्षक नागेन्द्र कुमार ने किया।
कार्यक्रम के संरक्षक डॉ०ज्योति कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे डीएवी +2 स्कूल, औरंगाबाद के अवकाशप्राप्त प्रधानाचार्य श्री जगतमोहन कुमार एवं विद्यालय के शिक्षकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। तत्पश्चात उपस्थित सभी लोगों ने तुलसीदास जी के तैल चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। मुख्य अतिथि श्री कुमार ने अपने संबोधन में तुलसी रचित रामचरितमानस को मानव जीवन के लिए आचार संहिता बताया। उन्होंने कहा कि रामकथा में गोस्वामी जी ने न केवल आनेवाले सुखद समाज की कल्पना की बल्कि उन्होंने आदर्श जीवन जीने का मार्ग भी सुझाया है। अध्यक्ष डॉ०अम्बुज ने श्रीरामचरितमानस के प्रेरक प्रसंगों का जिक्र करते हुए कहा कि मानस के आदर्श पात्र से व्यक्ति को सीख लेनी चाहिए। शिक्षक डॉ०ज्योति कुमार, विपिन कुमार पोंडा, मनीष कुमार, नागेन्द्र कुमार, राजेश्वर प्रसाद, संतोष कुमार सिंह सहित सभी वक्ताओं ने अपने उद्गार में कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में पिता-पुत्र, मां-बेटा, भाई-बहन, राजा-प्रजा, पति-पत्नी,अग्रज-अनुज सभी रिश्तों के कर्तव्य व दायित्व का बड़ा ही सुन्दर वर्णन किया है।मानस की एक-एक पंक्ति महामंत्र है, जिसके अनुकरण मात्र से सामाजिक कुरीतियां मिट जायेगी। इस दौरान तुलसी कृत हनुमान चालीसा का समवेत स्वर में पाठ भी किया गया। इस अवसर पर संगीत शिक्षक उपेन्द्र कुमार के निर्देशन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं तरूण कुमार, अनुप कुमार,अमन,अक्षय, शिवानी, सिमरन, मुस्कान,नेहा आदि की विभिन्न प्रस्तुतियां भी सराहनीय रही। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं सहित उपस्थित सभी लोगों के बीच प्रसाद का भी वितरण किया गया। शिक्षक मनीष कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।


