किंजर पुनपुन नदी घाट पर पहुंचेंगें पिंडदानी
करपी से अरविंद कुमार की रिपोर्ट
करपी। वैसे तो पूरे विश्व में गया जी धाम फल्गु नदी तट पर पिंडदान करने का एक मात्र स्थान है पितृ पक्ष में देश के कोने-कोने से हिंदू धर्मावलम्बी भी अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना लेकर गया जी धाम पिंड दान करने आते हैं लेकिन ऐसी मान्यता है कि गया जी धाम पर पिंडदान करने से पहले उन्हें पुनपुन नदी में प्रथम पिंड दान करना आवश्यक होता है. इसी उद्देश्य के लिए किंजर पुनपुन नदी सूर्य मंदिर के पास बने पक्का सीढ़ी घाट पर शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी के दिन हजारों की संख्या में पूरे भारत के कोने-कोने से ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय हिंदू धर्मालंबी भी किंजर पुनपुन नदी धाम पर आकर पुरुष वर्ग के लोग पहले अपना मुंडन कराते हैं. फिर आचार्यों के द्वारा पिंड दान की प्रक्रिया पूरी करते हैं. पिंड दानियों में एक से बढ़कर एक अति महत्वपूर्ण व्यक्ति भी होते हैं जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश बड़े-बड़े उद्योगपति सेना के ओहदेदार ऑफिसर वैज्ञानिक महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों के कुलपति आदि भी शामिल रहते हैं. इनके साथ इनका पूरा परिवार भी रहता है अनंत चतुर्दशी से लेकर पूरे एक पखवारे का पितृपक्ष होता है लेकिन किंजर पुनपुन नदी घाट पर पहला दिन काफी भीड़भाड़ और अफरा-तफरी का माहौल होता है. इस मौके पर हजारों चार चक्का लग्जरी वाहनों की लंबी कतार लग जाती है. वैसे तो पटना पुनपुन रेलवे हॉलट घाट की तरह किंजर में भी राज्य सरकार की ओर से विशेष तैयारी की जानी चाहिए थी लेकिन इस स्थान पर न तो जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई संज्ञान लिया गया है और न ही राज्य सरकार की ओर से स्थानीय सूर्य मंदिर सेवा समिति से जुड़े लोग श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर तो रहते हैं लेकिन उनकी ओर से की जाने वाली व्यवस्था काफी सीमित रहती है. वैसे अब तक महिलाओं के कपड़ा बदलने के लिए चेंजिंग रूम शौचालय आदि की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. सीढ़ी घाट के आसपास में सफाई की जरूरत है वही इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि हमें सूर्य मंदिर सेवा समिति से जुड़े लोगों ने एक आवेदन देकर पिंडदानियों के आगमन के बारे में जानकारी दी है. किंजर पुलिस की पूरी टीम वहां के सुरक्षा में तत्पर रहेंगे.
