रेलवे संघर्ष समिति 5 जनवरी से पदयात्रा करेगा.
अरवल से आजाद खान की रिपोर्ट
अरवल, बिहटा अरवल औरंगाबाद रेल संघर्ष समिति 5 जनवरी से औरंगाबाद समाहरणालय से पटना डीआरएम कार्यालय एवं हाजीपुर जोनल बिहटा अरवल औरंगाबाद रेलवे संघर्ष समिति पदयात्रा करेगा. भीमराव अंबेडकर वचनालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि बिहटा अरवल औरंगाबाद रेलवे लाइन 42 वर्षों से लंबित है. इस परियोजना में चार लोकसभा क्षेत्र पटना, जहानाबाद, अरवल, कास्काट औरंगाबाद शामिल हैं और 90 लाख लोग इस रेल परियोजना की उम्मीद में हैं. रेल संघर्ष समिति द्वारा लगातार संघर्ष आन्दोलन जारी है. जिसके फलस्वरूप मोदी सरकार को 2022 के बजट में मात्र 50 करोड़ मिले है. तो 20 करोड़ 25 करोड़ दिया गया है. अरवल ऐसा जिला है जहाँ रेल की पटरी नहीं है, आज रेल संघर्ष समिति बनी केंद्र सरकार नई दिल्ली आगामी बजट में राशि उपलब्ध कराने के लिए एक बार फिर रेल आंदोलन तेज किया जा रहा है. ताकि जनता की मांग पर केंद्र सरकार बिहटा अरवल औरंगाबाद रेलवे लाइन पर जल्द से जल्द काम शुरू कर सके. केंद्र सरकार की उदासीनता के चलते आज इस प्रोजेक्ट की लागत 323 करोड़ से बढ़कर 4500 करोड़ हो गई है. रेल संघर्ष समिति हाजीपुर तक 155 किलोमीटर का पदयात्रा करेगा. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद, ओबरा, दाउदनगर, कलेर, अरवल, पालीगंज, विक्रम, पटना, हाजीपुर से अंचल कार्यालय, डीआरएम कार्यालय दानापुर व जोनल रेलवे कार्यालय, हाजीपुर में लोकतांत्रिक तरीके से पदयात्रा करते हुए जन प्रदर्शन किया जायेगा. प्रेस वार्ता में राम अयोध्या प्रसाद विद्यार्थी, धनंजय कुमार युवा नेता विकास कुमार, युवा नेता समद अंसारी, मोइन मंसूर मुख्य रूप से उपस्थित थे.
