करपी से अरविंद कुमार की रिपोर्ट
करपी रा०कृत+2 रामेश्वर उच्च विद्यालय, बम्भई (करपी) के प्रांगण में सोमवार को स्कूल के संस्थापक सह महान शिक्षाप्रेमी स्व०देवदत्त शर्मा की 27वीं पुण्यतिथि समारोहपूर्वक मनाई गई।
प्रभारी प्रधानाध्यापक परवेज अहमद अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित इस पुण्यतिथि समारोह में जुटे विभिन्न शिक्षाविद व समाजसेवियों ने विद्यालय परिसर में अवस्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें कृतज्ञतापूर्वक नमन कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे अवकाशप्राप्त प्रधानाध्यापक श्री सुरेन्द्र प्रसाद शर्मा ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। विद्यालय संस्थापक के पौत्र राष्ट्रीय सहारा के प्रबंधक शंकर शर्मा ने कहा कि उनके दादाजी को शिक्षा के प्रति लगाव इस कदर था कि क्षेत्र में उच्च विद्यालय की स्थापना के लिए उन्होंने तन, मन, धन सब लगा दिया। विद्यालय के लिए जमीन दान देने के साथ क्षेत्र में घूम-घूमकर बच्चों लाकर नामांकन कराई। कार्यक्रम में शामिल बुद्धिजीवियों, शिक्षकों व समाजसेवियों ने देवदत्त बाबू की दूरदर्शिता की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि बंबई जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में उस जमाने में उच्च विद्यालय की आधारशिला रखने में देवदत्त बाबू जैसे सख्सियत का अप्रतिम योगदान रहा है,जो आज शिक्षा के क्षेत्र में नि: संदेह मील का पत्थर साबित हो रहा है। कार्यक्रम में शंकर शर्मा, अमरेन्द्र शर्मा,डॉ०अम्बुज कुमार भूषण,डाॅ०ज्योति कुमार, विनोद शर्मा, राकेश रंजन, राजेश्वर प्रसाद, विकास,पोलू सहित कई लोग उपस्थित रहे।
प्रभारी प्रधानाध्यापक परवेज अहमद अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित इस पुण्यतिथि समारोह में जुटे विभिन्न शिक्षाविद व समाजसेवियों ने विद्यालय परिसर में अवस्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें कृतज्ञतापूर्वक नमन कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे अवकाशप्राप्त प्रधानाध्यापक श्री सुरेन्द्र प्रसाद शर्मा ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। विद्यालय संस्थापक के पौत्र राष्ट्रीय सहारा के प्रबंधक शंकर शर्मा ने कहा कि उनके दादाजी को शिक्षा के प्रति लगाव इस कदर था कि क्षेत्र में उच्च विद्यालय की स्थापना के लिए उन्होंने तन, मन, धन सब लगा दिया। विद्यालय के लिए जमीन दान देने के साथ क्षेत्र में घूम-घूमकर बच्चों लाकर नामांकन कराई। कार्यक्रम में शामिल बुद्धिजीवियों, शिक्षकों व समाजसेवियों ने देवदत्त बाबू की दूरदर्शिता की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि बंबई जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में उस जमाने में उच्च विद्यालय की आधारशिला रखने में देवदत्त बाबू जैसे सख्सियत का अप्रतिम योगदान रहा है,जो आज शिक्षा के क्षेत्र में नि: संदेह मील का पत्थर साबित हो रहा है। कार्यक्रम में शंकर शर्मा, अमरेन्द्र शर्मा,डॉ०अम्बुज कुमार भूषण,डाॅ०ज्योति कुमार, विनोद शर्मा, राकेश रंजन, राजेश्वर प्रसाद, विकास,पोलू सहित कई लोग उपस्थित रहे।


