अरवल से मुजाहिद हुसैन की रिपोर्ट
अरवल बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते अति पिछड़ों की हक मारी संभव नहीं है उक्त बातों की जानकारी देते हुए जनता दल यू के प्रदेश सचिव जितेंद्र पटेल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने 2006 में पंचायतों के लिए और 2007 में नगर निकायों में अति पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान संबंधी कानून बनाया और तब से आज तक उसी आधार पर नगर निकायों के 3 चुनाव हो चुके हैं इससे उस वर्ग के सामाजिक उत्थान एवं प्रगति का एक माहौल बना है उन्होंने कहा कि भाजपा आरक्षण विरोधी है भाजपा और आर एस एस सरकारी नौकरियों सहित अन्य जगहों पर आरक्षण समाप्त करना चाहते हैं भाजपा द्वारा आयोग की गठन की मांग कर आरक्षण को उलझाना चाहती है उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के निकाय चुनाव को ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण देने का आदेश दिया था यह बिहार में लागू नहीं होता जनता दल यू शुरू से ही देश में जातीय जनगणना कराने की मांग करती आ रही है और केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराने से मुकर गई तो देश स्तर पर जातियों की संख्या का निर्धारण कैसे होगा देश के स्तर पर जातीय जनगणना अति आवश्यक है क्योंकि इसके बिना पिछड़ों अति पिछड़ा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की कितनी संख्या है कैसे पता चलेगा और जब संख्या ही पता नहीं चलेगा तो संख्या के हिसाब से उनकी भागीदारी कैसे सुनिश्चित की जाएगी इस अवसर पर जादू जिला अध्यक्ष रामकिशोर वर्मा ने कहा कि भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर हो गया है नगर निकाय में आरक्षण रुकने की खुशी कौन बना रहा है यह भाजपा नेताओं के घर जाकर देखा जा सकता है उन्होंने कहा कि सामान्य वर्गों को किस आधार पर या किस आयोग के गठन करके उनको आरक्षण का प्रावधान किया गया इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा के दो चेहरे हैं एक चेहरा आरक्षण विरोधी जिसे वह अंदर छुपाए रखती है बाहर दूसरा चेहरा लोगों के सामने वह लाती है भारतीय जनता पार्टी का नेता आयोग बनाने की बात कर रहे हैं जिसका कोई औचित्य नहीं है संवाददाता सम्मेलन में जनता दल यू के वरिष्ठ नेता पप्पू वर्मा अति पिछड़ा के नेता लाला चौधरी, शमीम अहमद मुन्ना एवं लाल बाबू यादव सहित अनेकों लोग उपस्थित थे
