लकड़ी के जलावन से बनाई जाती हैं स्कुल मे बच्चों को एमडीएम की खाना
करपी (अरवल) प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत परयारी बाजार स्थित राजकीयकृत बुनियादी भवन में बच्चों को दोपहर में परोसने वाला एमडीएम लकड़ी के चूल्हे पर लगातार बनाया जाता है जबकि जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों का सख्त निर्देश निर्गत है
कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के अधिकारियों को एलपीजी गैस से ही एमडीएम बनाना है जिस से धुआं रहित वातावरण में बच्चों का खाना बन सके साथ ही रसोई घर का दीवार भी गंदा नहीं हो साथ ही बनाने वाला बर्तन का लाइफ भी हो सके लेकिन इस विद्यालय में तो सरकारी नियमों को धजिया उड़ाते हुए लगातार कई माह से लकड़ी के जलावन पर ही एमडीएम बनाया जाता है इस संबंध में जब सेवा दाता ने कई विद्यालय के रसोईघर का निरीक्षण किया तो हर समय एक ही नजर आया की लकड़ी के जलावन से खाना बनाया जा रहा है विद्यालय में उपस्थित संबंधित प्रधानाध्यापक ने बताया कि गैस समय पर नहीं मिलता है इसलिए लकड़ी पर मजबूरी में एमडीएम बनाना पड़ता है जबकि गैस एजेंसी वालों से संपर्क किया गया तो पता चला कि किंजर, शांतिपुरम, शंकरपुर इमामगंज इलाके में एलपीजी गैस की कोई कमी नहीं है सरकारी विद्यालय में शिक्षक अपनी सुविधा के लिए गैस सिलेंडर का आर्डर ना बुक करा कर अपने हिसाब से लकड़ी के इंधन से ही एमडीएम बना लेते हैं इधर पटना उच्च न्यायालय के अधिकारियों डॉक्टर कौशलेंद्र नारायण ने जिला प्रशासन से वैसे विद्यालय को चिन्हित करने की मांग की है जो गैस चूल्हे पर एमडीएम ना बनाकर लकड़ी के जलावन का इस्तेमाल करते हैं उनका कहना है कि इससे पर्यावरण को हानि पहुंचती है साथ ही हरे वृक्ष काटकर जलावन बनाकर बिक्री करने वालों का मनोबल भी बढ़ता है अतः इसे हर हाल में रोकना चाहिए और ऐसे विद्यालय के प्रधानाध्यापक को स्पष्टीकरण भी होनी चाहिए l
कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के अधिकारियों को एलपीजी गैस से ही एमडीएम बनाना है जिस से धुआं रहित वातावरण में बच्चों का खाना बन सके साथ ही रसोई घर का दीवार भी गंदा नहीं हो साथ ही बनाने वाला बर्तन का लाइफ भी हो सके लेकिन इस विद्यालय में तो सरकारी नियमों को धजिया उड़ाते हुए लगातार कई माह से लकड़ी के जलावन पर ही एमडीएम बनाया जाता है इस संबंध में जब सेवा दाता ने कई विद्यालय के रसोईघर का निरीक्षण किया तो हर समय एक ही नजर आया की लकड़ी के जलावन से खाना बनाया जा रहा है विद्यालय में उपस्थित संबंधित प्रधानाध्यापक ने बताया कि गैस समय पर नहीं मिलता है इसलिए लकड़ी पर मजबूरी में एमडीएम बनाना पड़ता है जबकि गैस एजेंसी वालों से संपर्क किया गया तो पता चला कि किंजर, शांतिपुरम, शंकरपुर इमामगंज इलाके में एलपीजी गैस की कोई कमी नहीं है सरकारी विद्यालय में शिक्षक अपनी सुविधा के लिए गैस सिलेंडर का आर्डर ना बुक करा कर अपने हिसाब से लकड़ी के इंधन से ही एमडीएम बना लेते हैं इधर पटना उच्च न्यायालय के अधिकारियों डॉक्टर कौशलेंद्र नारायण ने जिला प्रशासन से वैसे विद्यालय को चिन्हित करने की मांग की है जो गैस चूल्हे पर एमडीएम ना बनाकर लकड़ी के जलावन का इस्तेमाल करते हैं उनका कहना है कि इससे पर्यावरण को हानि पहुंचती है साथ ही हरे वृक्ष काटकर जलावन बनाकर बिक्री करने वालों का मनोबल भी बढ़ता है अतः इसे हर हाल में रोकना चाहिए और ऐसे विद्यालय के प्रधानाध्यापक को स्पष्टीकरण भी होनी चाहिए l

