मानव जीवन हमें बार - बार नहीं मिलता इसका हमें दुरूपयोग नहीं अपितु सदुपयोग करना चाहिए : देवकी नंदन ठाकुर
नासरीगंज:-- वर्षा भारद्वाज की रिपोर्ट
नासरीगंज(रोहतास): श्रीमद भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं।यह कथा देवप्राप्ति का मार्ग खोलता है।कलियुग में इसे मुक्तिदाता माना गया है।इसके श्रवण से पूरे जगत में सुख-शांति आती है।आपसी वैर मिटता है.मानव जीवन हमें बार - बार नहीं मिलता इसका हमें दुरूपयोग नहीं अपितु सदुपयोग करना चाहिए।गलत बातें नही बोलनी चाहिए, दूसरों के बारे में बुरी बातें बोल कर कटाक्ष करना सही नहीं है।अगर बोलना ही है तो धर्म के नाम पर बोलो, देश को आगे बढ़ाने के विषय में बोलो, अगर पूरी जिंदगी दूसरों के बारे में कटाक्ष कर के बिता देनी है तो ऐसी जिंदगी जीने से बढ़िया तो कुछ ओर करो, आपसे आग्रह है की सतमार्ग पर चलिए।उक्त बातें तरावं गांव में मां काली एवं भोले शंकर जी की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में 108 कुण्डीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ एवं श्रीमद भगवत कथा के दौरान वृंदावन से चलकर आये परमपूज्य शांति दूत धर्मरत्न देवकी नन्दन ठाकुर जी महाराज ने कही।महाराज जी ने कहा की इस संसार में हम लोगों को गोविंद की कृपा से मानव जीवन मिला और इसकी एक एक सांस अनमोल है।हमारी सांस की कितनी कीमत है इस बात का पता इससे चलता है की एक भी सांस हमारे मां बाप हमें नही दे सकते, ना खरीदी जा सकती है, क्या संसार में कोई दुकान है जहां सांस मिलती है ? पूरा जीवन हम कमाई करने में लगा देते हैं लेकिन ये कमाई हमें सांस नहीं दे सकती।पूरे जीवन की अशांति हम पैसा कमाने में लगा देते हैं और पैसा लेकर बुढ़ापे में घुमते हैं की शांति मिल जाए लेकिन शांति नहीं मिलती।पूरा जीवन खो दिया पैसा कमाने के लिए अब बुढ़ापा खो रहे हैं शांति के लिए।उन्होंने कहा की जीवन बड़ा अनमोल है और इस अनमोल जीवन में श्रीमद् भागवत कथा सुनने को मिल जाए और उसमें हमारा मन लग जाए तो बहुत बड़ी बात है।देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा की सही कथा सुनने वाला श्रोता वो होता है जिसे भुख प्यास नहीं लगती।वो घर की सुध भूल जाता है, वो रोता है बिलखता है की मुझे भागवत कथा सुनने को मिल जाए।महाराज जी ने कहा की मृत्यु को कोई नहीं टाल सकता, मृत्यु तीन चीजों से आती है एक समय, एक कारण, एक जगह।मृत्यु का समय तय है, कारण तय है और जगह तय है जब ये तीनों मिलती हैं तो मृत्यु हो जाती है।इसका अभिप्राय ये है की मृत्यु को हम टालना चाहे तो टाल नहीं सकते जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु जरुर होगी, मृत्यु से डरने की जरुरत नहीं है।मृत्यु बुरी ना हो ऐसा कर्म हम कर सकते हैं और मृत्यु को सुंदर बनाने के लिए भगवत नाम का स्मरण किजिए।मृत्यु को जीतना चाहते हो तो कर्मों से जीतो, कर्म अच्छे करो मृत्यु अच्छी होगी।वही भागवत कथा के दौरान महाराज जी के द्रारा गाये जा रहे भजन कीर्तन पर श्रोता झुमते रहे।आपको बता दे कि तराव गांव में मां काली एवं भोले शंकर जी की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में 108 कुण्डीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ एवं श्रीमद भगवत कथा यज्ञ 29 अप्रैल से शुरू हुआ है जो 5 मई को पूर्णाहुति एवं भंडारे के साथ सम्पन्न होगा।मौके पर सीओ अमित कुमार जिलापार्षद सह मुखिया प्रतिनिधि गांधी चौधरी,पूर्व मुखिया चन्दन सिंह,पंकज कुमार उर्फ कन्हैया सिंह,पूर्व जिलापार्षद निराला पाण्डेय,बीडीसी सुनील कुमार,अनिल सिंह,जैक सिंह ने परम पूज्य महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।

