जिलाधिकारी रोहतास नेतृत्व में बिक्रमगंज प्रखंड के 12 पंचायतों में अधिकारियों द्वारा किया गया विशद जांच
रोहतास ब्यूरो प्रभारी दिनेश तिवारी की रिपोर्ट
रोहतास जिलाधिकारी, रोहतास, धर्मेन्द्र कुमार के निर्देश पर, बिक्रमगंज प्रखंड के सभी बारह पंचायतों में नल/जल योजना,फ़र्टिलाइज़र रिटेल शॉप्स, विद्यालयों, स्वास्थ्य उप केंद्रों, आंगनवाड़ी केंद्रों, पीडीएस विक्रेताओं की गहनतापूर्वक एवं विशद जांच की गई।
वर्णित जांच हेतु 12 जिलास्तरीय पदाधिकारियों की अलग अलग पंचायतों हेतु अलग अलग टीमें बनाई गई थी जिनमें जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ तकनीकी पदाधिकारी भी संबद्ध किए गए थे।
जांच का नेतृत्व स्वयं जिलाधिकारी द्वारा किया गया।सर्वप्रथम, जिलाधिकारी बिक्रमगंज अनुमंडल स्थित रामाधार सिंह 10+2 विद्यालय, dhangain पहुंचे।
वहां निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने विद्यालय के छात्र नामांकन/स्ट्रेंथ के सापेक्ष वर्ग कक्षों की कमी के दृष्टिगत बनाए जा रहे अतिरिक्त भवन का निरीक्षण किया। उक्त अतिरिक्त भवन के रुके हुए निर्माण कार्य को पुनः अविलंब चालू कराने एवं शीघ्र पूर्ण कराने का निर्देश जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को दिया।
जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल अस्पताल , बिक्रमगंज का भी निरीक्षण किया गया।उन्होंने वहां विशेष रूप से विकसित किए गए कोविड अस्पताल सेक्शन का भी निरीक्षण किया।निरीक्षण के क्रम में अनुपस्थित पाए गए दो चिकित्सकों का वेतन स्थगित किया गया।
जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित मरीजों एवं उनके परिजनों से भी बात की गई।स्टॉक में उपलब्ध एवं प्रदर्शित दवाओं के, फार्मासिस्ट द्वारा मरीजों को नहीं उपलब्ध कराए जाने को लेकर जिलाधिकारी ने फार्मासिस्ट का वेतन स्थगित करते हुए उनपर अनुशासनात्मक कारवाई का निर्देश सिविल सर्जन को दिया।
जिलाधिकारी ने कृषि विज्ञान केंद्र का भी निरीक्षण किया।उन्होंने बिना यूरिया का प्रयोग किए धान की खेती को देखा।इस निमित्त उन्होंने किसानों को , ढैंचा का प्रयोग कर धान की खेती की सलाह दी ताकि यूरिया का प्रयोग कम हो सके।उन्होंने बिना कदवा एवं रोपनी किए हुए धान की खेती कीसराहना की।
उन्होंने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत धान की सीधी बुवाई तकनीक के प्रयोग को लोकप्रिय बनाने का निर्देश दिया।उन्होंने कहा कि इस तकनीक से धान की खेती करने पर पानी की बचत एवं मीथेन उत्सर्जन से भी राहत मिल सकती है।
उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती, पॉली हाउस खेती,समेकित कृषि प्रणाली से खेती तथा प्राकृतिक खेती के तरीकों को भी लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया।
उच्च माध्यमिक विद्यालय के निरीक्षण के क्रम में, जिलाधिकारी महोदय ने शिक्षकों से भी इंटरेक्शन किया। इन" मेगा जांचों" का उद्देश्य बताते हुए जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि इनका उद्देश्य शिक्षण व्यवस्था में गुणात्मक परिवर्तन लाना है, सकारात्मक सुधार लाना है ना कि किसी को दंडित किया जाना है।सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, वैल्यू एजुकेशन मिले, सुदूर ग्रामीण अंचल के वंचित/निर्धन परिवार के बच्चों का समग्र विकास हो, यही सरकार एवं जिला प्रशासन का अंतिम लक्ष्य है। शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी महोदय ने सभी शिक्षकों को विद्यार्थियों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में आचरण एवं व्यवहार रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने सभी शिक्षकों से विद्यालय अवधि में अध्यापन के अलावा खाली समय मे वाचनालय /रीडिंग रूम में अपने ज्ञान को अपडेट करने तथा छात्रों की व्यक्तिगत/मनोवैज्ञानिक/शैक्षणिक समस्याओं के निराकरण में सकारात्मक सहयोग करने का निर्देश दिया।उन्होंने विद्यालय प्राचार्य को नियमित रूप से क्विज, डिबेट, खेल-कूद प्रतियोगिता आयोजन कराते रहने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि खाद के खुदरा विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण एवं स्टॉक, विक्रय मूल्य इत्यादि की जांच आगे भी जारी रहेगी।
स्वास्थ्य उप केंद्रों की व्यापक जांच के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण जनता विशेषकर वंचित वर्गों को ,उनके निकटतम स्थल पर, बेहतर दवाएं और चिकित्सा सुविधाएं, निरंतर और गुणवत्तापूर्ण रूप से, उपलब्ध कराया जाना सरकार का महत्वपूर्ण लक्ष्य एवं जिला प्रशासन की प्रमुख प्राथमिकता है।
ज्ञातव्य है कि सभी 12 जांच दलों के जांच प्रतिवेदनों की समीक्षा अनुमंडल मुख्यालय में डीडीसी महोदय द्वारा अपराह्न 3 .30
बजे की गई।
ज्ञातव्य है कि आज के इस जांच अभियान में कुल 12 स्वास्थ्य उप केंद्रों, लगभग 48 पीडीएस विक्रेताओं,48प्राथमिक/मध्य विद्यालयों, 11 उच्च विद्यालयों, 47 आंगनबाड़ी केंद्रों तथा 23 नल/जल योजनाओं आदि की गहन एवं गुणवत्तापूर्ण जांच की गई।
समेकित प्रतिवेदन की समीक्षा जिलास्तर पर संध्या 7 बजे, स्वयं जिलाधिकारी द्वारा की जानी है। प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आलोक में, आवश्यक अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।